Friday, February 3, 2017

बायोग्राफी की बेबाक बातें

-सौम्या अपराजिता
हमारी फिल्मों की ही तरह फ़िल्मी शख्सियत की बायोग्राफी भी मसालेदार होती है। दोस्ती-दुश्मनी के कई राज खोलने वाली बायोग्राफी में रहस्य और रोमांच का सारा सामान मौजूद रहता है। पिछले दिनों ऐसी ही दो नयी बायोग्राफी बाज़ार में आई है जिसमें एक करण जौहर और दूसरी ऋषि कपूर की है। फिल्मों में रची-बसी इन दोनों ही लोकप्रिय और रोचक शख्सियतों की बायोग्राफी ने फिल्मों की चमकीली दुनिया के कई राज खोले हैं।
करण जौहर की फिल्मों की ही तरह उनकी बायोग्राफी भी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। काजोल से उनकी दोस्ती की टूटने की वजह के जिक्र ने करण की बायोग्राफी 'द अनसूटेबल ब्वॉय' को 'टॉक ऑफ़ द टाउन' बना दिया है। करण ने पुस्तक में लिखा है,' काजोल से कोई रिश्ता अब नहीं रह गया है। हमारे बीच में कई गलतफहमी हुई थीं। मुझे तो बहुत ही बुरा लगा था । मैं उस बारे में बात भी नहीं करना चाहूंगा। इसकी वजह है कि यह मेरे और काजोल के लिए सही भी नहीं रहेगा। हम करीब 20 साल बाद बातचीत नहीं करेंगे। हम अब एक दूसरे को देखकर बस हेलो कहते हैं और आगे बढ़ जाते हैं।' काजोल के साथ विवाद के अतिरिक्त करण ने अपने निजी रिश्तों और प्रेम संबंधों को लेकर भी कई खुलासे किए हैं। इस चर्चित पुस्तक में करण ने अपने वात्सल्य प्रेम का भी जिक्र किया है और लिखा है,' मेरी एक ख्वाहिश है कि वे जीवन शादी करें या न करें लेकिन मुझे एक बच्चा जरूर होगा। मेरे अंदर एक अच्छी मां के सारे गुण विद्यमान है और मैं बच्चों की देखभाल को लेकर बहुत एक्टिव हूं।'
करण जौहर की बायोग्राफी के साथ-साथ ऋषि कपूर की बायोग्राफी भी खूब सुर्खियां बटोर रही है। दरअसल,ऋषि कपूर ने अपनी बायोग्राफी 'खुल्लम-खुल्ला- ऋषि कपूर अनसेंसर्ड' में कई चौंकाने वाले खुलासे किये हैं जिसमे से सबसे चकित करने वाला वाकया है -दाऊद इब्राहिम के साथ चाय पीने का जिक्र। रोचक शीर्षक वाली अपनी बायोग्राफी में ऋषि ने 'कर्ज' के असफल होने से उन्हें हुए डिप्रेशन का भी खुलासा किया है। उन्होंने लिखा है, 'कर्ज' से उन्हें बहुत उम्मीदें थी।मुझे लगा था कि 'कर्ज' से मेरा करियर बुलंदी छूने लगेगा।इसमें बेहतरीन संगीत और कलाकार थे।लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ,तो मैं गहरे डिप्रेशन में चला गया। मैं कैमरे के सामने जाने से भी डरने लगा था।'
इससे पहले पत्नी नंदिता पुरी द्वारा लिखी गयी ओमपुरी की बायोग्राफी ने भी काफी बवाल मचाया था। दरअसल,'ओमपुरी-अनलाइकली हीरो' के अवलोकन के पूर्व ऐसी चर्चा थी कि इसमें ओमपुरी के कई महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध का जिक्र है जिसे लेकर ओमपुरी नाराज थे और उन्होंने नंदिता को बुरा-भला कहते हुए यह धमकी तक दे डाली थी कि वह किसी भी कीमत पर इस किताब को छपने नहीं देंगे। जैसे-जैसे समय बीता यह बात साफ हो गई कि यह प्रचार पाने के लिए की गई सोची-समझी रणनीति थी। जब पुस्तक छपकर सामने आई तो सारी बातें साफ हो गई थीं।नंदिता पुरी ने इस किताब में अपने पति के जीवन के उन पहलुओं को सामने लाने की कोशिश की है जो अब तक आम लोगों के सामने नहीं आ पाए थे।
चिरयुवा और सदाबहार रेखा की बायोग्राफी 'रेखा: द अनटोल्ड स्टोरी' भी अपने कथ्य के कारण पाठकों की जिज्ञासा का विषय बनी हुई है। इस पुस्तक में रेखा के जीवन के कई राज़ खोले गए हैं। हालांकि, इसके पहले भी रेखा को लेकर कई बातें कही जा चुकी हैं,लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि रेखा के जन्म तक उनके माता-पिता ने शादी नहीं की थी। इसके साथ ही बगैर शादी के सिंदूर और शूटिंग के सेट पर रेखा को किए गए चुम्बन सहित कई अन्य चौकाने वाले किस्सों का जिक्र है। शत्रुघ्न सिन्हा ने भी बायोग्राफी 'एनीथिंग बट खामोश' में कई रोचक तथ्यों से परिचित कराया है। उन्होंने बताया है कि अमिताभ बच्चन उनकी शोहरत से परेशान थे। अमिताभ अपनी कुछ फिल्‍मों में उन्‍हें नहीं देखना चाहते थे। जीनत अमान और रेखा की वजह से उनके और अमिताभ बच्‍चन के बीच दरार बढ़ी। दरअसल,रेखा और शत्रुघ्न सिन्हा की बायोग्राफी में अमिताभ बच्चन से जुड़े वाकयों का उल्लेख रोचक बनाता है।
हिंदी फिल्मों के अभिनय सम्राट दिलीप कुमार और सदाबहार देव आनंद के जीवन के अनछुए पहलू भी पुस्तक में उकेरे गए हैं। जहां
दिलीप कुमार के जीवन की बानगी को 'सब्सटेंस एंड द शैडो' में लेखक उदय तारा नायर ने दिलीप कुमार से बातचीत और इंटरव्यू के आधार पर लिखा है...वहीँ देव आनंद ने स्वयं ही ऑटो बायोग्राफी ' रोमांसिंग विद लाइफ-एन ऑटोबायोग्राफी' लिखी। 'रोमांसिंग विद लाइफ-एन ऑटोबायोग्राफी' के बहाने पाठक देव आनंद की रूमानी छवि और उनकी फिल्मी जिंदगी की चाशनी में डूब जाते हैं। रोचक तथ्य है कि पुस्तक में देव आनंद ने फिल्मी हस्तियों के अलावा राजनीतिक हस्तियों का भी जिक्र किया है। खास तौर से इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी का। इंदिरा गांधी के बार में देव आनंद ने लिखा है कि वह बहुत ही कम बोलती थीं, जिसकी वजह से उनके विरोधी इंदिरा गांधी को गूंगी गुड़िया कहते थे।
लोकप्रिय और सफल कलाकारों की बायोग्राफी के बीच 'आशिकी' की गुमशुदा अभिनेत्री अनु अग्रवाल की बायोग्राफी का जिक्र भी उल्लेखनीय है। अनु ने अपनी आत्‍मकथा 'अनयूजवल: मेमोइर ऑफ़ ए गर्ल हू केम बैक फ्रॉम डेड' में अपने उथल-पुथल भरे जीवन की मार्मिक मगर रोचक कहानी बयां की है। अनु के अनुसार,'यह उस लड़की की कहानी है जिसकी ज़िंदगी कई टुकड़ों में बंट गई थी और बाद में उसने खुद ही उन टुकड़ों को एक कहानी की तरह जोड़ा है।'
दरअसल,फ़िल्मी सितारों के निजी जीवन से जुड़ी जिज्ञासा इन बायोग्राफी के प्रति पाठकों की उत्सुकता बढ़ाती है। साथ ही,फ़िल्मी कलाकारों के जीवन में रिश्तों के बनते-बिगड़ते समीकरण का उल्लेख भी बायोग्राफी को लोकप्रिय बनाता है। उम्मीद है फिल्मों से जुड़े और भी कलाकार अपने रोचक जीवन की बानगी पुस्तक में पेश करते रहेंगे। हालांकि... यदि उनमे मसालेदार घटनाओं के मुकाबले प्रेरक प्रसंगों को प्राथमिकता मिले,तो और भी अच्छा होगा।
फ़िल्मी शख्सियतों की प्रकाशित उल्लेखनीय बायोग्राफी-
*देव आनंद-'रोमांसिंग विद लाइफ'
*दिलीप कुमार-'द सब्सटैंस एंड द शैडो'
*प्रेम चोपड़ा-'प्रेम नाम है मेरा,प्रेम चोपड़ा'
*नसीरुद्दीन शाह-'एंड देन वन डे:द मेमॉयर'
*जावेद अख्तर-'तरकश'
*वैजयंती माला-'..बॉन्डिंग:द मेमॉयर'
*रेखा-'रेखा:द अनटोल्ड स्टोरी'
*शत्रुघ्न सिन्हा-'एनीथिंग बट खामोश'
करीना कपूर-'द स्टाइल डायरी ऑफ़ अ बॉलीवुड दिवा'
अनु अग्रवाल:'अनयुजुअल:मेमॉयर ऑफ़ अ गर्ल हु कम बैक फ्रॉम द डेड'
ममता कुलकर्णी-'ऑटोबायोग्राफी ऑफ़ अ योगिनी'
आयुष्मान खुराना-क्रेकिंग द कोड:माय जर्नी इन द बॉलीवुड

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