Saturday, October 19, 2013

रोशन हुआ दीपिका की सफलता का दीप...

दीपिका पादुकोण की सफलता के दीप के तेज प्रकाश से प्रतिस्पर्धी अभिनेत्रियों की आंखें चौंधियां रही हैं। सफलता का पर्याय बन चुकी दीपिका से अब सिर्फ प्रशंसकों की ही नहीं फिल्म विशेषज्ञों की भी उम्मीदें भी बढ़ गयी हैं। 'कॉकटेल', 'रेस 2','ये जवानी है दीवानी' और 'चेन्नई एक्सप्रेस' की अपार सफलता के बाद इस आकर्षक युवा अभिनेत्री की नयी फिल्म 'राम-लीला' प्रदर्शन के लिए तैयार है। प्रशंसनीय है  कि सफलता के शिखर पर पहुंचकर दीपिका और भी निखर गयी हैं। अब उनकी बातचीत में पहले से अधिक आत्मीयता झलकती है। वे ज्यादा सहज और सरल हो गयी हैं। दीपिका से सौम्या अपराजिता की बातचीत-
बधाई...लगातार चार फिल्मों की सफलता के लिए..
-थैंक यू । बेहद खुश हूं कि सबको मेरी कोशिश पसंद आ रही है।
उम्मीद है कि 'राम-लीला' के साथ सफलता का यह सिलसिला जारी रहेगा..
-मुझे भी यही लग रहा है। 'राम-लीला' के ट्रेलर को बहुत अच्छा रिस्पांस मिला है। ट्रेलर लांच के बाद बहुत लोगों ने मुझे मैसेज किया...रणवीर को मैसेज आया...संजय सर को भी मैसेज मिले। सबने बहुत तारीफ़ की है। ट्विटर पर भी अच्छा रिस्पांस मिला है। मेरे लिए यह बहुत स्पेशल फिल्म है। हर एक हीरोइन का सपना होता है कि वह संजय जी के साथ काम करे और उनकी हीरोइन बने। मैं बहुत खुश हूं कि अपने करियर में इतनी जल्दी मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला।उनकी हर फिल्म में जो फीमेल कैरेक्टर होते हैं,यादगार होते हैं।लोग उनको बहुत पसंद करते हैं। उम्मीद है कि इस फिल्म में भी लोग लीला को बहुत पसंद करें। बहुत ही अच्छा एक्सपीरियंस रहा उनके साथ काम करने का। बहुत कुछ सीखने को मिला। मेरे लिए यह बहुत लिबरेटिंग  एक्सपीरियंस था क्योंकि वे एक्टर को  लिबर्टी देते हैं और इनकरेज करते हैं।... तो बहुत मेहनत के बाद तैयार हुई इस फिल्म को सभी एन्जॉय करेंगे..यही उम्मीद है।
चूंकि लीला के चरित्र को संजय लीला भंसाली ने अपनी मां को समर्पित किया है,ऐसे में...  लीला की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी कितनी आसान या मुश्किल रही?
-लीला का कैरेक्टर निभाना बड़ी जिम्मेदारी जरूर थी। सभी जानते हैं कि संजय सर के लिए उनकी मां कितनी खास हैं। मैं खुद उनसे काफी बार मिली हूं। वे बहुत ही स्ट्रांग  और एनर्जेटिक लेडी हैं। जब भी सेट पर आती थीं तो वे हमसब को बहुत हंसाती थीं। बहुत बातचीत करती हैं सबके साथ। हर चीज में इंटरेस्ट लेती हैं। उनसे मिलने के बाद मेरे लिए लीला के कैरेक्टर को निभाना बड़ी जिम्मेदारी थी। मुझे उम्मीद है कि मैंने जो भी किया है उससे संजय सर खुश हैं। लीला बहुत चुलबुली और हैप्पी गो लकी टाइप की लड़की है। हमेशा खुश रहती है। वह अपनी शर्तों पर लाइफ जीती है। साथ ही,वह अपने कल्चर और वैल्यूज को भी बहुत रेस्पेक्ट देती है। प्यार और रिलेशनशिप में वह बहुत ट्रेडिशनल है। लीला से मैं काफी हद तक इत्तेफाक रखती हूं।
लीला की भूमिका में ढलने के लिए किस तरह की तैयारियों और अभ्यास से आपको गुजरना पड़ा?
-अभ्यास तो कुछ नहीं करना पड़ा। संजय सर के साथ काम करने के दौरान आप जितनी कम तैयारियां करें उतना ही बेहतर है। क्योंकि वे हमेशा चाहते हैं कि एक्टर इम्प्रोवाइज करें...हमेशा ऑन द स्पॉट कुछ नया करे। बार-बार वही चीज देखकर वे बहुत जल्दी बोर हो जाते हैं। ..तो जितनी कम तैयारी की जाए उतना ही अच्छा है। यही वजह है कि मैं कहती हूं कि 'राम-लीला' की शूटिंग का एक्सपीरियंस मेरे लिए बिलकुल नया और अलग था।
संजय लीला भंसाली की फिल्मों में ढेर सारे रंग होते हैं। 'राम-लीला' में भी उनका वही चिर-परिचित अंदाज दिख रहा है। बड़े कैनवास की ऐसी फिल्म का हिस्सा होने का अनुभव कैसा रहा?
-अनोखा अनुभव था । पहली बार मैं इस स्केल की फिल्म कर रही हूं। चाहे वह सिनेमेटोग्राफी हो,कॉस्टयूम हो या फिर सेट हो...सब कुछ बड़ा और ग्रैंड है। जैसा आपने कहा कि संजय सर की फिल्में अपने बड़े कैनवास के लिए जानी जाती हैं। हरएक फिल्म में उनका यह अंदाज तो दिखता ही है। वे सीन भी बेहद बारीकी से डायरेक्ट करते हैं। बहुत डिटेल में जाकर हर एक एक्स्प्रेसन को निकाल लेते हैं। हर एक शब्द में उनको वैरिएशन चाहिए। उनको हमेशा कुछ नया चाहिए।

चूंकि आपकी चार फिल्में लगातार सफल रही हैं इसलिए सबकी उम्मीदें आपसे बढ़ गयी हैं। 'राम-लीला' के बॉक्स ऑफिस पर बेहतर परिणाम का दारोमदार भी काफी हद तक आप पर ही है..
-मैं समझ सकती हूं कि लोग इस फिल्म से बहुत उम्मीद कर रहे हैं। जैसे मैं हमेशा कहती हूं कि मैं फिल्मों की शूटिंग बेहद एन्जॉय करती हूं। हर फिल्म में इतना कुछ करने को होता है।  मैं अपने-आप को कैमरे के सामने एन्जॉय करती हूं। सौभाग्यशाली हूं कि हर फिल्म में मुझे बहुत अच्छे डायरेक्टर के साथ काम करने का मौका मिला है। मुझसे सबको उम्मीद है ..मैं समझ सकती हूं। जहां तक मेरी बात है तो मेरी उम्मीद है कि लोग लीला के कैरेक्टर को भी उतना ही प्यार देंगे जितना प्यार उन्होंने वेरोनिका,नैना और मीनम्मा को  दिया है।
रणवीर आपसे नए कलाकार हैं ..तो 'राम-लीला' की शूटिंग के दौरान आपने उन्हें क्या सीखाया और उनसे आपने क्या सीखा?
 -मुझे उम्मीद है कि मैंने उन्हें कुछ सिखाया होगा। वे खुद ही बेहद अच्छे एक्टर हैं। पहली फिल्म से ही हमसब जानते हैं कि वे बेहद अच्छे एक्टर हैं। वे अपने कैरेक्टर में पूरी तरह ढल जाते हैं। रणवीर अपने कैरेक्टर में इस हद तक घुस जाते हैं कि आप भूल जाते हैं कि वे 'रणवीर सिंह' हैं। वे बहुत हेल्पफुल एक्टर हैं। ऐसे बहुत कम एक्टर हैं जो सेट पर हेल्प करते हैं।
आप पर फिल्माए गए 'राम-लीला' के गीत 'ढोल बाजे' की खूब चर्चा हो रही है। कैसा था इस गीत के फिल्मांकन का अनुभव?
-पहली बार 'ढोल बाजे' में गरबा कर रही हूं। बचपन से मैंने गरबा करते हुए लोगों को देखा है क्योंकि मेरे कई गुजराती फ्रेंड्स हैं। ..लेकिन कभी मैं नवरात्री के दौरान होने वाले गुजराती सेलिब्रेशन में नहीं गयी हूँ।पहली बार 'ढोल बाजे' की शूटिंग के दौरान ही उसे एक्सपीरियंस किया। मेरे लिए थोडा मुश्किल था क्योंकि रिहर्सल के दौरान मेरे बैक में चोट लग गयी थी। उस चोट के साथ मुझे शूटिंग करनी पड़ी।.. पर मुझे लगता है कि आखिर में जो रिजल्ट आया वह बहुत अच्छा रहा।
यह साल आपके लिए बहुत अच्छा रहा है। अपने शब्दों में इस साल की उपलब्धियों को कैसे बयां करेंगी?
-मुझे दर्शकों ने अलग-अलग कैरेक्टर में पसंद किया। 'कॉकटेल' से आज तक सबने मेरी मेहनत को सराहा है। मैंने कोशिश की है कि हमेशा कुछ नया करूं। बहुत अच्छा लगता है जब उस कोशिश को सभी पसंद करते हैं । सबने इस एक-डेढ़ साल में इतना सारा प्यार दिया है कि वही मेरे लिए मोटिवेशन(प्रेरणा) बन गया है कि आगे जाकर और अच्छा करूं..और अच्छी-अच्छी फिल्में साइन करूं.. और चैलेंजिंग रोल करूं।
'राम-लीला' के बाद और कौन सी फ़िल्मों में दर्शक आपको देख पाएंगे?
-फिलहाल मैं एक छोटी फिल्म पर काम कर रही हूं जिसका नाम ' फाइंडिंग फैनी'। शाहरुख़ के साथ तीसरी फिल्म कर रही हूं  जिसका नाम है 'हैप्पी न्यू इयर'।
-सौम्या अपराजिता

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