Tuesday, August 13, 2013

राष्ट्र,समाज और सितारे ........

-सौम्या अपराजिता

यूं तो फ़िल्मी दुनिया के सितारे चकाचौंध और ग्लैमर में इतने मगरूर रहते हैं कि उनके राष्ट्रीय और सामाजिक सरोकार हाशिए पर चले जाते हैं। लाइट,कैमरा और एक्शन के संकेत शब्दों के इर्द-गिर्द उनका इतना वक़्त गुजरता है कि वे अपने सामाजिक और राष्ट्रीय दायित्वों से मुख मोड़ लेते हैं। हालांकि, तमाम व्यस्तता के बावजूद फिल्मों की चमकीली दुनिया में रहते हुए भी कई ऐसे सितारे हैं जो अपने सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकार को लेकर गंभीर हैं। वे राष्ट्र निर्माण में अपना समुचित योगदान देते रहे हैं। अमिताभ बच्चन,आमिर खान,विद्या बालन,सलमान खान ऐसे ही लोकप्रिय सितारे हैं जो समाज और राष्ट्रीय हित के कार्यों में सक्रिय हैं ।


अमिताभ बच्चन ने हमेशा ही राष्ट्रीय हित के कार्यों में अपना सक्रिय योगदान दिया है फिर वह पोलियो मुक्त भारत अभियान से जुड़ना हो या फिर स्त्री भ्रूण हत्या के विरुद्ध अभियान छेड़ना हो। अमिताभ हमेशा अपने सामाजिक और राष्ट्रीय दायित्वों का निर्वहन करते रहे हैं। हिंदी फ़िल्मी दुनिया के प्रतिनिधि के रूप में उन्होंने भारतीयों को तब गौरवान्वित किया जब कान फिल्म फेस्टिवल में उन्होंने हिंदी में संभाषण दिया। एक समर्पित भारतीय नागरिक के रुप में अपनी पहचान स्थापित करने वाले अमिताभ कहते हैं,'हम ऐसी स्थिति में हैं,जहाँ पर चार लोग हमें पहचानते हैं,हमारी वाणी सुनना चाहते हैं। मैं सामाजिक दायित्व बिना किसी औपचारिकता के भी निभा सकता हूँ।' अभिषेक बच्चन की ही तरह उनके पुत्र अभिषेक बच्चन भी अपने सामाजिक दायित्व बखूबी निभाते हैं। अभिषेक कहते हैं,'मैंने पोलियो, एड्स, वूमन, चाइल्ड के लिए काम किया है। ऐसे बहुत सारे इश्यू हैं, जिनके बारे में मैं बात करता रहता हूं। बहुत सारे एनजीओ हैं, जिनसे मैं जुड़ा हूं, लेकिन उनके बारे में बात करने में ऑकवर्ड फील करता हूं। मैं जिनके लिए काम करता हूं,वे जानते हैं।' उल्लेखनीय है कि ऐश्वर्या राय बच्चन स्वयंसेवी संस्था 'स्माइल ट्रेन'से जुडी हैं जो होठों की अटपटी बनावट वाले बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने के सन्दर्भ में कार्य करती है।
आमिर खान ने जब छोटे पर्दे से जुड़ने का संकेत दिया था,तो कयास लगाए जा रहे थे कि वे किसी गेम शो या रियलिटी शो से जुड़ेंगे,पर ऐसा नहीं हुआ। आमिर ने ऐसे कार्यक्रम से छोटे पर्दे पर दस्तक दी जिसने सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकार के मुद्दों पर गंभीर विचार-विमर्श को प्रोत्साहित किया। 'सत्यमेव जयते' के निर्माता और संचालक के रुप में आमिर ने विभिन्न सामाजिक-राष्ट्रीय समस्याओं की ओर दर्शकों का ध्यानाकर्षण किया। आमिर कहते हैं,'मैं महसूस करता हूं कि मेरी जिम्मेदारी दर्शकों को सिर्फ हंसाने या रूलाने की ही नहीं है बल्कि मैं यह भी सोचता हूं कि इसके साथ ही समाज के प्रति भी मेरी कुछ जिम्मेदारियां है जिन्हें मुझे पूरा करना चाहिए। अपने शो सत्यमेव जयते के जरिये मैंने ऐसा ही करने की कोशिश की।' गौरतलब है कि आमिर कुपोषण मुक्त भारत अभियान से भी सक्रिय रूप से जुड़े हैं। आमिर की धर्म निरपेक्ष और समर्पित नागरिक की छवि से प्रेरित होकर ही उन्हें भारतीय पर्यटन विभाग के अतुल्य भारत अभियान से जोड़ा गया जिसमें आमिर को अतिथि देवो भव की भारतीय परंपरा को नए सिरे से स्थापित करने के लिए देशवासियों को जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गयी।
समाज कल्याण की दिशा में सलमान खान की सक्रियता पिछले कुछ अर्से से प्रकाश में आयी है। वे अपनी स्वयंसेवी संस्था बीइंग ह्यूमन के तत्वाधान में बाल कल्याण से जुडी विभिन्न गतिविधियाँ चलाते हैं। सलमान कहते हैं,'मैंने बचपन में बुरे दिन देखे हैं। नहीं चाहता हूँ कि वैसे दिन कोई और देखे। अपनी संस्था के जरिये बच्चों के चेहरे पर स्माइल लाने की कोशिश करता रहता हूं।मेरी संस्था ‘बीइंग हुमन’ उन जरूरतमंदों की मदद करती है,जो वाकई जरूरतमंद हैं।' उल्लेखनीय है कि सलमान खान की लाडली बहन अर्पिता खान को उनकी मां जन्म देने के बाद सलीम खान की बिल्डिंग के सामने रखकर चली गईं। अर्पिता के बदन पर कपड़े नहीं थे। सलमान के पिता सलीम खान उन्हें घर ले आए और उनकी परवरिश की।
विद्या बालन संवेदनशील और सक्षम अभिनेत्री के साथ-साथ सजग और संवेदनशील नागरिक भी हैं। वे सामाजिक और राष्ट्रीय हित की कई योजनाओं से जुडी हैं। विद्या कहती हैं,'मुझे लगता है कि अगर लोग मेरी बात को सही मानकर सुनने को तैयार हैं,तो मुझे अपनी ओर से प्रयास करना चाहिए। जो सोशल कॉज़ मेरे लिए मायने रखते हैं,मैं उन्हीं से जुड़ी हूँ।' विद्या निर्मल भारत अभियान से जुडी हैं। इसी अभियान के तत्वाधान में विद्या इन दिनों 'जहां सोच, वहां शौचालय'का नारा बुलंद कर रही हैं। विद्या कहती हैं,'निर्मल भारत अभियान से जुड़कर में बेहद खुश हूं। महिला होने के नाते मैं खुले में शौच करने वालों के दर्द से अच्छी तरह वाकिफ हूं। इसीलिए तो 'जहां सोच, वहां शौचालय' के नारे के साथ मैं वास्तविक तौर पर जुड़ गई हूं, दिखावटी नहीं।' विद्या बच्चियों की शिक्षा के लिए अग्रसर गैर सरकारी संस्था 'नन्हीं कली' से भी जुडी हैं। विद्या कहती हैं,' मैं ‘नन्हीं कली’ के साथ जुड़ी हूँ क्योंकि मुझे लगता है कि हर बच्चे को एजुकेशन मिलना जरूरी है। जिस कॉज़ में आपका विश्वास है उसके लिए कुछ करें।'
कई ऐसे सितारे भी हैं जिन्होंने स्वस्थ भारत के निर्माण में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष योगदान दिया है और दे रहे हैं।आशा पारेख ने मुंबई के सांताक्रुज में अपने नाम से अस्पताल खोला है...तो जॉन अब्राहम ने भी नानावटी हॉस्पिटल में एक वॉर्ड बनवाया है।शाहरूख खान ने मुंबई के नानावटी हॉस्पिटल में अपनी मां लतीफ फातिमा के नाम से चाइल्ड वॉर्ड बनवाया है। उन्होंने कई कमरे भी पेंट करवाए हैं। वर्ष 1982 में सुनील दत्त ने अपनी पत्नी नरगिस दत्त की याद में ‘नरगिस दत्त फाउंडेशन’ स्थापित की। यह संस्था कैंसर के मरीजों की सहायता करती है।
कुछ ऐसे सितारे भी हैं जो अपनी लोकप्रियता को नया आयाम देने के लिए सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकार से जुड़ते तो हैं,पर उन्हें यह भी नहीं पता है कि देश और समाज में क्या हो रहा है। अभिनेता और सक्रिय सामाजिक कार्यकर्त्ता राहुल बोस कहते हैं,'एक सेलीब्रेटी को पता होना चाहिए कि उसके मोहल्ले,शहर और देश में क्या हो रहा है? और क्यों हो रहा है? उसे अपने मौलिक अधिकार और कर्तव्य की जानकारी होनी चाहिए।' राष्ट्रीय और सामाजिक गतिविधियों के प्रति सितारों की जागरूकता इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि करोडो भारतीय उन्हें देखते-सुनते हैं।ऐसे में,आम भारतीय नागरिकों की ही तरह  सितारों से भी अपेक्षित है कि वे जागरूक बनें,सतर्क रहे और यथा संभव राष्ट्र और समाज निर्माण में सक्रिय योगदान दें...।

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